Monday, 26 October 2020

कविता: मौत का कारोबार

 


तुम्हारा हृदय

छलनी हो जाना चाहिए,

तुम्हारा जिस्म काँपना चाहिए,

और तुम्हारा बदन पसीने से नहाना चाहिए

उस वक्त जब तुम

युद्ध में किसी को अपने निशाने पर लेते हो,

तुम्हारी दी हुई यह मौत

तुम्हारा दु:स्वप्न बन जाना चाहिए

गोया कि तुम किसी

ऐसे बियाबान में पटक दिए गए हो

जहाँ से लौटना नामुमकिन हो,

इस मौत के नतीज़े तुम्हारी

धमनियों में पैबस्त हो जाना चाहिए ,

भले ही साहस जुटाने के लिए

तुमने कितने ही आसव क्यों न पिए हों,

और इससे क्या फर्क पड़ता है कि

कौन सा ईश्वर तुम पर मुस्कुरा रहा है,

या इस बात से कि

तुम्हारी कसी मुठ्ठियों में कितना दर्द 

और कितना गुस्सा

समाया हुआ है, मेरे दोस्त !


जब तुम किसी को मारो तो

खुद तुम्हारा हृदय

छलनी हो जाना चाहिए ,

क्योंकि मौत का कारोबार

कभी भी उतना आसान

नहीं होना चाहिए ।


मूल अंग्रेज़ी- ब्रायन टर्नर 

(Brian Turner)


अंग्रेजी से रुपांतर-ललित सुरजन

2009

No comments:

Post a Comment